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10 Beautiful Poems On Diwali In Hindi For Friends And Family

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By Rohan Pandya

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Looking for Poems on Diwali in Hindi? You have come to the perfect place. Diwali is the festival of lights and everyone in India and foreign country celebrate this festival with their family and friends. Today we gave a list of Poems on Diwali in Hindi which you can share with your friends and Family.

10 Beautiful Poems On Diwali In Hindi For Friends And Family

1) Poems On Diwali In Hindi

ke dhumdhraake,
dage pataakhe, huye dhmaake.

jhilmil jhilmil saari basti,
bachchon mein chhayi hai masti.

aangan mein kandeel suhaani,
deep jalaati gudiya raani.

ghar aangan deepon ki maala,
faila chaaron or ujala.

rang bikher rahi phuljhadiyaan,
raaket aur pataakhe ladiyaan.

ghar ghar shradha ka aayojan,
ho Ganesh-Luxmi ka pujan.

ghar ghar mein chhayi khush-haali,
muskaati aayi diwali.

deep jale hain dekho jhilmil,
sab ne khushi manaayi hilmil.

2) Diwali par chuhe ji ne,
naya suit silwaaya.

billi rani ne paridhaan,
London se mangwaaya.

sherji ne bhi mangwaayi,
jodhpur ki sherwaani,
bandar bhaiya lekar aaya,
neela suit pathaani.

bhaaloo ji ka safed COAT,
sabke mann ko bhaaya,
haathi dada ka kurta pajaama,
Calcutta se aaya.

Jangal saja,ped mushkaaye,
pawan chali matwaali,
dhoom dhaam se sabne manaayi,
jangal mein diwali.

3) Kitne sundar ye tyohaar,
karte sabhi inhe hain pyaar.

milne aate ristedaar,
lekar ke dheron uphaar.

khusiyaan baanto baarambaar,
ye sandeshaa dein tyohaar.

sabko mile prabhu ka pyaar,
jeevan mein sukh aparampaar,
kirpa karo aisi daataar,
sabka sab maanein aabhaar.

Poems On Diwali In Hindi by: Ranjana Rajesh Chaudhari

 

4) Iss Diwali 2017 Pe, Dua Hamari Hai Ki,

Apka Har Sapnna Pura Ho,

Duniya Ke har Unche Mukam Apke Ho,

Shoharat Ki Bulandiyon Par Naam Apka Ho!

Wish U A Very Happy Diwali!

Ajse Aapke Yahan Dhan Ki Barsat Ho

Sukh Sampda Aapke Jeevan Main Ho

Maa Laxmi Ka Vass Ho

Sankaton Ka Nash Ho

Bhul Kar Bhi Aap Ke Jeevan Main

Ek Bhi Dukh Na Aaye…

Unnati Ka Sar Pe Taj Ho

5) दिवाली रोज मनाएं
फूलझड़ी फूल बिखेरे
चकरी चक्कर खाए
अनार उछला आसमान तक
रस्सी-बम धमकाए
सांप की गोली हो गई लम्बी
रेल धागे पर दौड़ लगाए
आग लगाओ रॉकेट को तो
वो दुनिया नाप आए
टिकड़ी के संग छोटे-मोटे
बम बच्चों को भाए
ऐसा लगता है दिवाली
हम तुम रोज मनाएं।

– संदीप फाफरिया ‘सृजन’

6) दीपों का त्यौहार दिवाली आई है,
खुशियों का संसार दिवाली आई है.

घर आँगन सब नया-सा लगता है,
नया -नया परिधान सभी को फबता है,
नए नए उपहार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लायी है.

दीप सजे जैसे मोती की लड़ियाँ हैं,
नन्हे -नन्हे हाथों में फूलझड़ियाँ हैं,
जलते हुए अनार दिवाली लायी है,
खुशियों का संसार दिवाली लायी है.

– रंजना राजेश चौधरी

7) गीत
चढो अटारी धीरे-धीरे, रखना दीप संभालकर।
एक शिकनभी रह ना जाए, उजियारेके भाल पर।।
पहन घाघरा, चूड़ी-बिछिया
छनके घुंघरू पांव के
झिलमिल-झिलमिल दीप सजाकर
अपने तन के गाँव के
चढो अटारी धीरे-धीरे, रखना दीप संभालकर।
जैसे तुम बेंदी रखती हो, अपने गोरे भाल पर।।
करके माँग सिंदूरी अपनी
दृग में काजल आँजकर
अपनी सोने की मूरत को
और प्यार से माँजकर
चढो अटारी धीरे-धीरे, रखना दीप सँभालकर।
ज्यों मेंहदीके फूल काढ़ती हो, मन के रूमाल पर।।
हँसुली, हार और लटकारा
बाजूबंद हमेल से
कह देंना नथुनी-कुंडल से
सदा रहें वे मेल से
चढ़ो अटारी धीरे-धीरे रखना दीप सँभालकर।
ज्यों तुम विमल चांदनी मलतीं, तन के लाल गुलाल पर।।

— कुँअर बेचैन–

8) दिल से सारे वैर भुलाकर
एक दुजे को गले लगाकर
सब शिकवे दुर भगाएगे
आइ दिवाली खुशी से मनाएगें.

9) दिवाली आई दिवाली आई
सब बच्चो के मन को भाई
किसी ने छोड़े खूब फटाखे
किसी ने खाई खूब मिठाई.

दीवाली आई, दिवाली आई
गम के अंधेरो से घबराना मत
ज्ञान का दीपक जलाए रखना
उम्मीद की किरण दिल में जगाए रखना
अँधेरे से घबराना मत.

ज्ञान का दीप जलाए रखना
अँधेरे पर उजाले का पैगाम लाइ है
दीवाली आई दीवाली आई
बच्चो घर को साफ़ रखो
गंदगी न रहने पाए आस-पास
स्वच्छता में ही महालक्ष्मी करती निवास
दीपावली की सबकों हार्दिक है बधाई
दीवाली आई दीवाली आई
सब बच्चो के मन को भाई

-नरेंद्र कुमार

10) फैल गयी दीपों की माला
मंदिर-मंदिर में उजियाला,
किंतु हमारे घर का, देखो, दर काला, दीवारें काली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!

हास उमंग हृदय में भर-भर
घूम रहा गृह-गृह पथ-पथ पर,
किंतु हमारे घर के अंदर डरा हुआ सूनापन खाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!

आँख हमारी नभ-मंडल पर,
वही हमारा नीलम का घर,
दीप मालिका मना रही है रात हमारी तारोंवाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!

– हरिवंशराय बच्चन

Also View : Diwali Dates 2017 And 5 Days of Diwali Significance

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Rohan Pandya

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Rohan Pandya is an Independent Journalist, Blogger, Youtuber, and entrepreneur who loves to explore the latest technology on the web every day. He thinks When You Are Young You Believe The Possibilities Are Endless.